1. राजस्थान सामाजिक सुरक्षा वृद्धावस्था, विधवा, तलाकशुदा, परित्यक्ता पेंशन |
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पात्रता - वृद्धावस्था पेंशन :- |
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निम्नांकित पात्रता रखने वाले 58 वर्ष से अधिक आयु के पुरूष या 55 वर्ष की महिला को पेंशन स्वीकृत की जा सकती है - | ||||
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पात्रता - विधवा, तलाकशुदा एवं परित्यक्ता पेंशन :- या 18 वर्ष से अधिक आयु की विधवा, तलाकशुदा अथवा परित्यक्ता |
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आवेदन कहॉं करें :- पेंशन हेतु पात्र ग्रामीण व्यक्ति निर्धारित प्रपत्र में विकास अधिकारी, पंचायत समिति (जिसमें आवेदन निवास कर रहा है) एवं शहरी क्षेत्र का आवेदन उपखण्ड अधिकारी कार्यालय में आवेदन पत्र प्रस्तुत कर सकता है। आवेदन पत्र पंचायत समिति, तहसील कार्यालय एवं जिला कलेक्टर कार्यालय में नि:शुल्क उपलब्ध हैं। कोषागार एवं स्वीकृतिकर्ता अधिकारी द्वारा संधारित किए जाने वाले विभिन्न प्रपत्र अप्रेल, 2013 से पूर्व स्वीकृत पेंशनधारियों के वार्षिक सत्यापन में छूट आदेश दिनांक 23 मई, 2013 |
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2. राजस्थान सामाजिक सुरक्षा विशेष योग्यजन पेंशन |
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पात्रता :- |
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पेंशन लाभ :- राजस्थान सामाजिक सुरक्षा विशेष योग्यजन पेंशन नियम, 2013 के अनुसार 75 वर्ष से अधिक आयु के पात्र विशेष योग्यजन व्यक्तियों को रूपये 750 प्रतिमाह, एवं 75 वर्ष से कम आयु के पात्र विशेष योग्यजन व्यक्तियों को रूपये 500 प्रतिमाह तथा 8 वर्ष तक की आयु के विशेष योग्यजन पेंशनर को रूपये 250 प्रतिमाह पेंशन देय है। |
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आवेदन कहॉं करें :- पेंशन हेतु पात्र ग्रामीण व्यक्ति निर्धारित प्रपत्र में विकास अधिकारी, पंचायत समिति (जिसमें आवेदक निवास कर रहा है) एवं शहरी क्षेत्र का आवेदक उपखण्ड अधिकारी कार्यालय में आवेदन पत्र प्रस्तुत कर सकता है। आवेदन पत्र पंचायत समिति, तहसील कार्यालय एवं जिला कलेक्टर कार्यालय में नि:शुल्क उपलब्ध हैं। विशेष योग्यजन पेंशन नियम, 2013 दिनांक 1 अप्रेल, 2013 को जारी एवं लागू विशेष योग्यजन पेंशन की श्रेणी में हिंजडों का भी समावेश विशेष योग्यजन पेंशन हेतु आवेदन पत्र का प्रारूप कोषागार एवं स्वीकृतिकर्ता अधिकारी द्वारा संधारित किए जाने वाले विभिन्न प्रपत्र
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पेंशन लाभ :- |
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3. इंदिरा गांधी राष्ट्रीय वृद्धावस्था पेंशन योजना |
केन्द्र सरकार द्वारा राष्ट्रीय वृद्धावस्था पेंशन योजना के स्थान पर इंदिरा गांधी राष्ट्रीय वृद्धावस्था पेंशन योजना दिनांक 19.11.2007 से प्रारम्भ की गई है। संयुक्त सचिव, ग्रामीण विकास मंत्रालय, भारत सरकार, नई दिल्ली ने अपने पत्र क्रमांक J-11015/1/2011 दिनांक 30.06.2011 के माध्यम से इंदिरा गांधी राष्ट्रीय वृद्धावस्था पेंशन योजनान्तर्गत पात्रता हेतु आयु सीमा 65 वर्ष से घटाकर 60 वर्ष कर दी है। साथ ही इस योजनान्तर्गत 80 वर्ष एवं अधिक आयु के लाभार्थियों को दी जाने वाली केन्द्रीयांश की राशि रूपये 200 से बढ़ाकर रूपये 500 प्रतिमाह प्रति पेंशनर कर दिया गया है। ये संशोधन दिनांक 01.04.2011 से प्रभावी किये गये हैं। इस संबंध में जारी विभागीय पत्रांक 6990-7028 दिनांक 19.07.2011 की प्रति।
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योजनान्तर्गत 75 वर्ष से कम आयु के पेंशनर को 500 रूपये प्रतिमाह एवं 75 वर्ष व अधिक आयु के पेंशनर को 750 रूपये प्रतिमाह पेंशन देय है। |
4. इंदिरा गांधी राष्ट्रीय विधवा पेंशन योजना |
ग्रामीण विकास मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा प्रारम्भ की गई इंदिरा गांधी राष्ट्रीय विधवा पेंशन योजना (IGNWPS) योजना को राज्य सरकार द्वारा तुरन्त प्रभाव से राज्य में प्रारम्भ किये जाने का निर्णय लिया गया है। इस योजना अन्तर्गत निम्नांकित पात्रता की विधवाओं को रूपये 500 प्रतिमाह की दर से पेंशन देय है :- |
पात्रता :- |
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भारत सरकार के पत्रांक जे-11013/02/2007एन.एस.ए.पी./ दिनांक 17.02.09 द्वारा प्राप्त दिशा-निर्देशानुसार इस योजना के अन्तर्गत लाभान्वितों की ग्रामीण क्षेत्रों में पहचान करने हेतु राज्य सरकार द्वारा ग्रामीण विकास मंत्रालय के दिशा-निर्देशों के अनुरूप तैयार की गई बी.पी.एल. सूची 2002 को प्रयोग में लिया जाना है तथा शहरी क्षेत्रों में लाभान्वितों की पहचान करने हेतु वर्तमान में प्रचलित बी.पी.एल. सूची को प्रयोग में लिया जाना है। |
यहॉं यह स्पष्ट किया जाता है कि :- |
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5. इंदिरा गांधी राष्ट्रीय नि:शक्त पेंशन योजना |
ग्रामीण विकास मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा प्रारम्भ की गई इंदिरा गांधी राष्ट्रीय नि:शक्त पेंशन योजना (IGNDPS) योजना को राज्य सरकार द्वारा तुरन्त प्रभाव से राज्य में प्रारम्भ किये जाने का निर्णय लिया गया है। इस योजना अन्तर्गत निम्नांकित पात्रताधारी नि:शक्तजनों को रूपये 500 प्रतिमाह की दर से पेंशन देय है :- |
पात्रता :- |
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भारत सरकार के पत्रांक जे-11013/2/07-एन.एस.ए.पी./ दिनांक 17.02.09 एवं इस संबंध में जारी ऑफिस मेमोरेण्डम क्रमांक जे-11012/1/09-एनएसएपी दिनांक 30.09.09 द्वारा प्राप्त दिशा-निर्देशानुसार इस योजना के अन्तर्गत लाभान्वितों की ग्रामीण क्षेत्र में पहचान करने हेतु राज्य सरकार द्वारा ग्रामीण विकास मंत्रालय के दिशा-निर्देशों के अनुरूप तैयार की गई बी.पी.एल. सूची 2002 को उपयोग में लिया जाना है तथा शहरी क्षेत्रों में लाभान्वितों की पहचान करने हेतु वर्तमान में प्रचलित बी.पी.एल. सूची को प्रयोग में लिया जाना है। |
यहॉं यह स्पष्ट किया जाता है कि :- |
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